Thursday, May 9, 2019

Gau Rakshak bane bhakshak | Gau mata ke naam pe rajneeti

गाय माता पुकार रहीं हैं "कहाँ हो मनोहर लाल" 
मेरे कुछ कहने के पहले ये कुछ तस्वीरें देखिए, तस्वीर जो चिल्ला चिल्ला कह रही हैं की एक बार गुमनाम विकास और गोत्र के नाम पर वोट दे देना लेकिन भूख से मर रही गायों और अध मरे हालत में कुत्तों के हवाले क्र दिए जाने वाली गायों के नाम पर वोट मत करना.गौमाता भूखी मरे, श्वान खाय मधुपर्कइन्हीं दोहे के दम पर राजनीति को एक नई दिशा दी गयी और वो बटोरने की कवायद शुरू की गयी.

पंक्ति में सबसे आगे भाजपा और उसके समर्थक दिखे. एक बार को लगा की आवारा गायों को छत मिल जाएगा और हालत सुधर जाएंगे लेकिन हुआ वही, ऊँचे चौखट वालों ने जिनको माँ का दर्जा दिया वो सिर्फ वोट के गिनती तक ही रह गए. फिर वो गंगा हो या गौ माताऔर बाद में हालत ये तक आ गए की गौरक्षा के नाम पर लोगों को मौत के घाट तक उतारा जाने लगा. जिसको "lynching" शब्द से नवाजा जाता है.

Reuters के रिपोर्ट के अनुसार देश में 2014 से 2017 के अंतराल में करीब 28 नागरिकों को लिंचिंग के तहत जान गवानी पड़े और 124 लोग घायल हुए. हालाँकि ये मामले गौरक्षकों से जुड़ा था, तो राजनीति से जुड़ना संभव था. शायद इसलिए ही reuters ने अपने रिपोर्ट में ये तक मेंशन किया की जिन 28 लोगों की मौत हुई उनमें 24 मुसलमान थे.


जिस गौ माता के लिए इतनी बलि दी गयी आज उन्हीं गौ माता का हाल ये है की "गौशाला" में चारा ख़तम है दैनिक भास्कर ने ये खबर निकाल कर मुख्यमंत्री साहब के चौखट तक पहुंचाया फिर भी कोई नहीं जगाफिर खबर आयी की भूख के कारण 3 गायों के कारण की मौत हो गयी उसे भी नजरअंदाज कर दिया गयाफिर खबर आयी 7 गाय फिर मर गए और कुछ को अध मरा ही, कुत्तों के हवाले कर दिया गया इतना सब होता रहा लेकिन खटट्र साहब के चश्मे में ये तस्वीर धुंधली सी दिखी,बेजुबान गौ माता, जिन्हे हिन्दू धर्म में पुंजा जाता है उन्हें कुत्तों के सहारे छोड़ दिया गयाआखिर दफनाते भी कैसे ?बात धर्म की जो आ जाती
source: https://www.molitics.in/

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