उत्तर प्रदेश की राजनीती बड़ी दिलचस्प है. जो नेता कभी मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहा था. आज वो हार रहा है. आखिर वो कौन है ?
इसके लिए हमें 2 साला पीछे चलना होगा. उत्तर प्रदेश में भाजप को पूर्ण बहुमत मिलती है. दिल्ली से एक मंत्री बनारस आता है यह खबर लेकर की वो मुख्यमंत्री बनने वाला है. पूजा पाठ में दिलचस्पी वो बनारस में मंदीरों के दर्शन में लग जाता है. फिर एक फोन दिल्ली से आता है "उधर से बोल रहा व्यक्ति कहता है की दिल्ली अभी मत आइए आपकेलिए प्लेन भेजा जाएगा तब तक तैयारी करिए आप"
शोर मच जाता है, तैयारी होने लगती है और वो नेता बनारस एयरपोर्ट पर इंतजार करता रह जाता है. दिल्ली से घोषणा किसी और के नाम की हो जाती है. वो एयरपोर्ट पर इंतजार करने वाला व्यक्ति और कोई नहीं था बल्कि वो तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और मौजूदा समय में अफ़ज़ाल अंसारी से पटखनी खाने वाले मनोज सिन्हा हैं.
इसके लिए हमें 2 साला पीछे चलना होगा. उत्तर प्रदेश में भाजप को पूर्ण बहुमत मिलती है. दिल्ली से एक मंत्री बनारस आता है यह खबर लेकर की वो मुख्यमंत्री बनने वाला है. पूजा पाठ में दिलचस्पी वो बनारस में मंदीरों के दर्शन में लग जाता है. फिर एक फोन दिल्ली से आता है "उधर से बोल रहा व्यक्ति कहता है की दिल्ली अभी मत आइए आपकेलिए प्लेन भेजा जाएगा तब तक तैयारी करिए आप"
शोर मच जाता है, तैयारी होने लगती है और वो नेता बनारस एयरपोर्ट पर इंतजार करता रह जाता है. दिल्ली से घोषणा किसी और के नाम की हो जाती है. वो एयरपोर्ट पर इंतजार करने वाला व्यक्ति और कोई नहीं था बल्कि वो तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और मौजूदा समय में अफ़ज़ाल अंसारी से पटखनी खाने वाले मनोज सिन्हा हैं.
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